शनिवार, अप्रैल 04, 2009

व्यंग्य
कौन कहाँ पर है
वीरेन्द्र जैन
देश में मंचों के लाड़ले गीतकार गोपालदास 'नीरज' ने कई साल पहले कहा था जो ऐसा लगता है कि आज की राजनीति पर कहा गया है-
है अनिशचित वस्तु हर
हर एक क्षण
सिर्फ नििशचत है अनिशचितता यहाँ
देश की राजनीति में भी कुछ कुछ ऐसा ही चल रहा है
• शारद पवार कांग्रेस के साथ हैं
• वही शरद पवार शािव सेना के साथ हैं
• िशवसेना भाजपा के साथ है
• पर शिवसेना तब तक भाजपा के साथ है जब तक मराठी प्रधानमंत्री बनने का अवसर नहीं आता
• यदि मराठी प्रधानमंत्री प्रत्याशी सामने आता है तो गुजरात से लड़ने वाले सिन्धी लालकृष्ण आडवाणी के साथ िशवसेना नहीं होगी तब वह शरद पवार के साथ हो सकती है या किसी और के साथ जैसे कि राष्ट्रपति के चुनाव में वह प्रतिभा पाटिल के साथ थी।
• काँग्रेस अमरसिंह की उंगलियों पर नाचने वाले मुलायम सिंह की समाजवादी पार्टी के साथ थी यदि वह उसे पच्चीस सीटें दे देती। वह सत्तरह पर अटक गयी इसलिए काँग्रेस समाजवादी के साथ नहीं है। यह सिद्धांत की बात है।
• समाजवादी पार्टी भी काँग्रेस के साथ नहीं है पर वह सोनिया और राहुल के साथ है उधर कॉग्रेस भी मुलायम और अखिलेश के साथ है पर समाजवादी के साथ नहीं है।यह सिद्धांत की बात है।
• समाजवादी यूपीए में नहीं हैं क्योंकि मुलायम को गृहमंत्री नहीं बनाया गया। वे बाहर से समर्थन दे रहे हैं। लालू यूपीए में हैं पर काँग्रेस के साथ नहीं हैं वे अब अपने जानी दुशमन रामविलास पासवान के साथ हो गये हैं।
• राम विलास भी यूपीए में हैं पर काँग्रेस के साथ नहीं हैं वे लालू के साथ हैं।
• समाजवादी बिहार में लालू राम विलास के साथ हैं पर शेष भारत में अवसर के साथ हैं। लालू रामविलास भी उत्त्रप्रदेश में समाजवादी के साथ हैं उनके लिए बिहार ही पूरा देशा है।
• झारखण्ड में काँग्रेस और लालू दोनों ही शीबू सूरेन के साथ हैं पर बिहार में नहीं हैं।
• बिहार में नीतीश कुमार भाजपा को जूनियर पार्टनर बनाये हुये हैं पर वे जार्ज के साथ नहीं हैं जार्ज बिस्तर पर ही चुनाव लड़ने के लिए छटपटा रहे हैं पर उनके साथ टिकिट वंचित दिग्विजयसिंह को छोड़. कर कोई नहीं है- सुख के सब साथी दुख में ना कोय।
• पीएमके ने यूपीए छोड़ दिया है और एआईडीएमके के साथ हो लिए हैं।
• मायावती प्रधानमंत्री बनने के लिए तीसरे मोर्चे के साथ हें पर सीटों के हिस्सेदारी में वे अलग हैं- खीर में सौंझ, महेरी में न्यारे- वाला मामला है।
• नवीन पटनायक अब भाजपा के साथ नहीं हैं उन्होंने तीसरे मोर्चे के नये मुहल्ले में शारण ले ली है। भाजपा विरह में तड़फ रही है। मन तड़पत पटनायक को आज।
• ममता भाजपा का साथ छोड़ चुकी हें वे अब काँग्रेस के साथ हैं। भाजपा छोड़ चुके तपन सिकदर फिर भाजपा में चले गये हैं।
• पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरो सिंह शेखावत आडवाणीजी की धोती में पटाखा बांध कर एक कोने में दुबुक लिये हैं। आडवाणीजी ने उन्हें राष्ट्रपति बनाना चाहा था अब वे कह रहे हैं कि देखें कि कैसे प्रधानमंत्री बनते हैं।
• उमर अब्दुल्ला भी भाजपा के साथ नहीं हैं पर कभी गर्जना के साथ भाजपा को ठोकर मार कर निकले प्रह्लाद पटेल डम्पर को भुला कर शािवराज के चरणों में बिना शर्त समर्पण कर चुके हे इससे डर कर उमा भारती भी अडवाणी की बेटी बनने को मचल रही हैं। बसपा का फन्ड पचाये हुये नेता अपनी सुरक्षा की चिंता में सत्तावाली पार्टी में संरक्षण ले रहे हैं।
यह रहस्यवाद है जो जहाँ था वहाँ से खिसक रहा है क्यों कि सबके पेट का पानी हिल रहा है।

वीरेन्द्र जैन

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