शुक्रवार, सितंबर 18, 2009

व्यंग्य- चंदा वसूलने वालों से प्रार्थना

चंदा वसूलने वालों से प्रार्थना
वीरेन्द्र जैन

हे चंदायाचक,
तुम्हैं (दूर से ही) प्रणाम है।
तुम हमारे घर और दुकान पर पधारे तथा साथ में कुछ ऐसे लोगों को भी साथ में लेकर आए जिनके आगे हमारी बोलती बंद हो जाती है।ऐसे अघोषित आपत्तिकाल एंव अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन पर बयान देने के लिए कोई भी मानव अधिकार आयोग कही भी सक्रिय नही है। आपके नक्कारखाने में मेरी तूती की आवाज को कोई सुनने वाला नहीं।
आप धर्मध्वजा के वाहक हैं एवं मैं उस महिला तस्लीमा नसरीन जैसा भी सबल नही हूँ कि धर्म के नाम पर होने वाले किसी भी किस्म के पांखडों का मुखर प्रतिवाद कर सकूँ। धर्म के नाम पर या राष्ट्रीयता के नाम पर कही पर भी झंडा फहराने के लिए आप आजाद हैं और वह भी विशेष रूप से विवादास्पद स्थानों पर झंडा फहराने या धर्म-ध्वजा ठोकने से आपकी राष्ट्रीयता और धार्मिकता मजबूत होती है। आप किसी भी दिन इस देश के बुद्विजीवियों, पत्रकारों, लेखकों और कलाकारों की खोपड़ी पर धार्मिक व राष्ट्रीय झंडे को ठोकेंगे और उनकी कराह के विरोध में उन पर एक लात जमाकर कहैंगे कि देशद्रोही धर्म और राष्ट्रीयता का विरोध करता हैं, तुझे तो बंगाल की खाड़ी में फेंक देगे।
हे प्रभो, आप जो कुछ कर रहे हैं उसे धर्म कह रहे हैं। आप विश्व के प्राचीनतम धर्म के वारिस होने का दावा करते हैं, भले ही जो कुछ आप आज कर रहे हैं धर्म के नाम वैसा किए जाने के प्रमाण आज से बीस वर्ष पूर्व भी प्राप्त नही होते हों। ऐसा करने के लिए आप हमारे पास साधिकार चंदा मॉगने आये। आप धर्म करेंगे तो आपका स्थान स्वर्ग में सुरक्षित रहेगा। मेरे पैसे पर आप स्वर्ग में अपना आरक्षण करा रहे हैं ओर मेरे लिए जीते जी नर्क तैयार कर रहे हैं।
मान्यवर, आपने उत्सव का कार्यक्रम बनाया, तब हमें नहीं पूछा।
आपने समिति का निर्माण किया तब हमें नही पूछा।
आप अध्यक्ष बन गए, सचिव बन गए, कोषाध्यक्ष बन गए तब भी हमें नही पूछा।
हमारा धार्मिक कर्तब्य केवल चंदा देने तक सीमित है और आपका अध्यक्ष तथा सचिव पद प्राप्त करने के लिए है। आप अपने कार्यक्रम में सत्तारूढ़ दल के नेताओं, मंत्रियों, आईएएस अधिकारियों एंव कष्ट पहुँचाने की क्षमता रखने वाले निरीक्षकों को आमंत्रित करेंगे, मेरे पैसे पर खरीदी हुई पुष्प मालाओं से आप उनका अभिनंदन करेंगे, फोटो खिचवाएँगे तथा हम ताली बजाएँगे। यह हमारा धार्मिक कर्तब्य है, और वह आपका।
आपके संबंध ऊपर तक बनेंगे और आपको सामाजिक आर्थिक लाभ देंगे पर आपके उत्सवों के कोलाहल से मेरे बच्चे अध्ययन से वंचित रहेंगे तथा उनका कैरियर नष्ट होगा। ऐसा होने से आपके पहुँचवाले बच्चों को और अधिक सुविधा होगी। आपके फोटो अखबारों में छपेंगे जिससे आपका प्रचार होगा, आप चुनाव जीतेंगे, पद प्राप्त करेंगे, जिससे हमें पददलित कर सकें।
हमने जब स्वाइन फ्लू की आशंका में अपने पड़ोस को सामूहिक श्रमदान से सफाई का अनुरोध किया था तो आप मेरे ऊपर मुस्कराए थे तथा आपके चमचों ने मेरे उपर खिलखिलाकर मेरी खिल्ली उड़ाई थी। मैं शर्मिंदगी के महासागर में डूब गया था। तरस खाकर पत्नी ने मेरे नहाने के पानी में दो-तीन बूँदे डिटोल डालने की अनुकंपा की थी। वह एक बूंद डिटोल की कंजूसी करती हैं, तुम 501- रूपये वसूल रहे हो।
महामहिम, तुम्हें मंहगाई की फिक्र नहीं हैं क्योकि तुम उससे लाभान्वित हो, तुम्हैं मिलावट की चिंता नही हैं क्योकि वह तुम तक नही पहुँचती। आर्थिक भ्रष्टाचार व सामाजिक शोषण के प्रति तुम उदासीन हो, सरकारी कार्यालयों में तुम्हारा प्रभाव हैं तथा नौकरशाही के भष्ट्राचार से तुम मुक्त हो। उत्सव आयोजनों में हमारे पैसे से आमंत्रित अतिथियों को तुमने समुचित प्रभावित कर रखा है। वे तुम्हारा कार्य तुरंत कर देते हैं।
धर्म की करूणा, दया, सच्चाई, प्रेम, सहायता, सहयोग, आभार, कृपा आपमें से सब गायब है। आपकी तरेरी हुई ऑखें, ऐंठी हुई मूँछें, भुजाओं पर खेलती हुई मछलियों, मुक्का ठोकती मुट्ठियों तथा पीसे हुऐ दॉत आपकी मुद्राओं का निर्माण करते हैं। इसके साथ साथ मेरी धर्मभीरूता, अदृशय का आतंक तथा उसके साथ आपके धार्मिक सबंधों का डर मुझे अपने बच्चों का पेट काटकर अपनी कमाई को आपको सौंप देने को बाध्य करते हैं।
हे राष्ट्र हितैषी, तुम नगर के प्रमुख मार्गो पर अस्थाई अतिक्रमण करके सैकड़ों मार्ग अवरूद्व करने जा रहे हो। जिससे मार्ग बदलने के कारण जाम लग जाने से लाखों लीटर पेट्रोल, जिसको आयात करने के लिए हमें विदेशी मुद्रा फूंकनी पड़ती हैं, फुँक जाता है। आपके इस अभियान से दफ्तरों, अदालतों और अस्पताल जाने वालों को आपके धर्म से कितनी सहानुभूति मिल रही है? काश, आपने इसका सर्वेक्षण कराया होता !
अशिक्षित महिलाएँ, रिटायर्ड वृद्व, निठल्ले प्रौढ़ तथा बेरोजगार दिशाहीन युवकों के बल पर चल रहा है आपका धर्मोत्सव।

आप ले जाइए और यदि भगवान से आपके सीधे सबंध हों तो कृपया मेरे लिए एक प्रार्थना अवश्य कीजिए कि मुझमें तस्लीमा नसरीन जैसा आत्मबल पैदा हो। मुझ केंचुए को एक रीढ़ प्रदान करने की कृपा करें हे प्रभु!
---- वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड
अप्सरा टाकीज के पास भोपाल मप्र
फोन 9425674629

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