सोमवार, अप्रैल 11, 2011

व्यंग्य - चट्टों बट्टॉं में आखिर कौन किसके खिलाफ है


व्यंग्य
चट्टों- बट्टों में आखिर कौन किसके खिलाफ है
वीरेन्द्र जैन
पिछले दिनों दिल्ली के जंतर मंतर पर अनशन अनशन खेला गया। जिन दिनों दिल्ली में राम लीला खेली जाती है उन्हीं दिनों दूसरे नगरों में भी रामलीला रामलीला चलती है। जिधर देखो उधर हनुमानजी पूँछ उठाये लंका में आग लगाते फिरते हैं सो देश के दूसरे नगरों में भी अनशन अनशन खेला गया। हम भी अनशन पर तुम भी अनशन पर। ये भी अगर लोकपाल विधेयक पास कराना चाहते हैं तो वो भी लोकपाल विधेयक पास कराना चाहते हैं। समझ में नहीं आ रहा कि जब सभी साहुकार हैं तो चोर कौन है।
“वैसे तुम पास कराना चाहते हो तो तब क्यों नहीं करा लिया जब तुम्हारी सरकार थी”
“पर तुम्हारी तो अब है तुम्हीं पास करा लो”

“ तुम बिल तो लाओ”
“तुम समर्थन दोगे?”
“ हाँ देंगे, क्योंकि तुम्हारे लोग पकड़े जायेंगे तो हमें राजनीतिक लाभ मिलेगा”
“ पर जब बिल आयेगा तो तुम्हारे कौन से बचे रहेंगे। येदुरप्पा की अम्मा कब तक खैर मनायेगी। मध्य प्रदेश में 14 मंत्रियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज है उन्हें कब तक बचाओगे! टूजी की जाँच का दायरा 2001 से इसीलिए शुरू किया गया है कि हम तो डूबेंगे सनम तुमको भी ले डूबेंगे। पंजाब में जब अकालियों का काल आयेगा तो तेरा क्या होगा कालिया? राजस्थान में झक मार कर वसुन्धरा को ही विपक्ष की नेता बनाना पड़ा है वरना संघ परिवार को जमीनें देने की जो जाँच चल रही है वो उसका कच्चा चिट्ठा खोल देतीं।“
“ हमारी चिंता छोड़ो, तुम अपनी करो अभी तो जो कुछ चल रहा है वह तुम्हारे खिलाफ जा रहा है, हमारे यहाँ ऊपर से लेकर नीचे तक वकील ही वकील भरे हैं, वे ऐसे पेंच निकालेंगे कि बिल का विरोध करके भी पाक साफ कहलाएंगे। कमेटी के सदस्यों के नाम पर ही झगड़ा शुरू करवा देंगे।”
“हमने तो सारी माँगें मानने का ढोंग पहले ही कर दिया है जिससे यह सन्देश गया है कि हम तो डिटर्जेंट मिले दूध के धुले हैं। विधानसभा के चुनाव निबट जाने दो फिर हमारे यहाँ भी कौन से वकीलों की कमी है।“
“ वैसे तो ये अन्ना भी है जोरदार आदमी, इसने मशाल पकड़ने को उतारू हो रहे हाथों में मोमबत्तियां पकड़ा दीं” “ और बाबा राम देव उन्हें अगरबत्तियां पकड़ा देंगे।“
“ क्या इस अनशन से कोई भ्रष्टाचारी भी डरा? क्या किसी विभाग के अधिकारी ने यह कहा कि मुझे रिश्वत नहीं चाहिए मैं अब बिना रिश्वत के ही काम कर दूंगा। क्या किसी मंत्री ने ठेकेदार और उद्योगपतियों से ब्रीफकेस लेने से मना कर दिया? क्या किसी ने किसी को पकड़वाया। क्या किसी ने शिकायतें कीं! क्या किसी का ह्रदय परिवर्तन हुआ और उसने आगे आकर अपना भ्रष्टाचार कबूलते हुए अपने स्विस बैंक में जमा की सूची दी?”
“ किसी ने कुछ नहीं किया, सबने मोमबत्तियां जलायीं और शाम को देवी के मन्दिर में जाकर पुजारी को बतलाया कि नवरात्रि पर मैंने दो दिन का उपवास किया। एक पंथ दो काज। ऊपर वालों को गाली देना बहुत आसान होता है, सब कुछ अमूर्तन में चला जाता है, पर किसी ने स्थानीय भ्रष्टाचारियों की सूची नहीं बनायी। किसी के पास भी अपने विधायक सांसद की बेनामी सम्पत्ति की सूची नहीं है।“
मशालों को मोमबत्ती में बदल दिया गया मोमबत्तियों को अगरबत्तियों में बदल दिया जायेगा जो दो चार मिनिट में राख में बदल जायेगी।
मिरी सरकार ने वादा किया है पाँचवें दिन का
किसी से सुन लिया होगा, ये अनशन चार दिन का है



वीरेन्द्र जैन
2/1 शालीमार स्टर्लिंग रायसेन रोड अप्सरा टाकीज के पास भोपाल [म.प्र.] 462023
मो. 9425674629

1 टिप्पणी:

  1. शानदार प्रस्तुति के लिए सादुवाद!

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    थू-थू, थू-थू, थू-थू, थू।
    राजनीति में ये बदबू॥

    नेतागीरी धंधा क्या-
    उसमें क्या रक्खे लड्डू?

    धोती और लंगोटी पे-
    क्यों तुम जीते थे बापू?

    तुमने सत्याग्रह रक्खा-
    वो रखते कट्टे- चाकू?
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    सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी

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